Wednesday, May 18, 2011

भोपाल: : मंगल दिवसों के आयोजन पर खर्च होंगे उन्नीस करोड़ रुपये

मध्यप्रदेश में महिलाओं, बच्चों और किशोरी बालिकाओं के लिये चलाई जा रही योजनाओं, गतिविधियों तथा कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये आँगनवाड़ी केन्द्रों पर मंगल दिवसों का आयोजन किया जा रहा है।
चालू साल के दौरान मंगल दिवसों के आयोजन पर राज्य सरकार लगभग उन्नीस करोड़ रुपये खर्च करेगी। गत वर्ष 2010-11 के वार्षिक बजट में भी इतनी ही राशि का प्रावधान था।
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक मंगलवार को होने वाले मंगल दिवस के आयोजन से आँंगनवाड़ी केन्द्रों और जन-समुदाय के बीच आत्मीय संबंध भी बढ़ा है। माह के पहले मंगलवार को गोद भराई, दूसरे मंगलवार
मंगल दिवस
प्रथम मंगलवार
गोद-भराई कार्यक्रम
द्वितीय मंगलवार
अन्न-प्राशन कार्यक्रम
तृतीय मंगलवार
जन्म-दिवस कार्यक्रम
चतुर्थ मंगलवार
किशोरी बालिका दिवस
को अन्न-प्राशन, तीसरे मंगलवार को जन्म-दिवस और चौथे मंगलवार को किशोरी बालिका दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
मंगल दिवसों के आयोजन से एक ओर जहाँ आँंगनवाड़ी केन्द्रों के प्रति हितग्राहियों का रुझान बढ़ा है तो दूसरी ओर हितग्राहियों की संख्या भी बढ़ी है। प्रथम मंगलवार को होने वाले गोद-भराई कार्यक्रम में गाँव की गर्भवती महिलाओं को आँगनवाड़ी केन्द्र आमंत्रित कर आयरन, फोलिक एसिड की सौ गोलियाँ, शिशु एवं मातृ सुरक्षा कार्ड तथा बीपीएल परिवार की महिलाओं को प्रसव पूर्व आर्थिक सहायता के रूप में 500 रुपये दिये जाते हैं। गर्भवती महिला को मांगलिक सामग्री, श्री-फल, सिंदूर, चूड़ी, बिन्दी आदि भी दी जाती है। दूसरे मंगलवार को होने वाले अन्न-प्राशन कार्यक्रम में 6 माह पूर्ण करने वाले बच्चों को पहली बार ऊपरी आहार दिया जाता है। पात्र बच्चे को प्रतीक स्वरूप कटोरी-चम्मच भी दिया जाता है।
तीसरे मंगलवार को आयोजित जन्म-दिवस कार्यक्रम में माह विशेष में पड़ने वाले सभी बच्चों का आँगनवाड़ी स्तर पर सामूहिक जन्म-दिन मनाया जाता है। बच्चों को गिफ्ट के रूप में पेंसिल, रबर, पानी की बोतल आदि दी जाती है। चौथे मंगलवार को किशोरी बालिका दिवस पर किशोरी बालिकाओं को संतुलित आहार, प्राथमिक स्वास्थ्य की देखभाल तथा आर्थिक गतिविधियों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है। किशोरी बालिकाओं के लिये विभिन्न प्रकार की सामान्य ज्ञान एवं खेल प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं। कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं के स्वास्थ्य की जाँच कर आवश्यकतानुसार उपचार किया जाता है तथा निःशुल्क दवा उपलब्ध करवाई जाती है।

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