Thursday, January 20, 2011

भोपाल: गंदा है पर धंधा है - कुवांरी लड़कियां बेच रही कोख


भोपाल. आधुनिक जीवनशैली और महंगे शौक की खातिर लड़कियां किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। पहले बिन व्याही मॉं बनना समाज के लिए कलंक की बात थी
लेकिन अब चंद रुपयों की खातिर लड़कियां घर से महीनों दूर रहकर कोख किराए पर देने जैसा जोखिम भरा काम कर रही हैं। 
विज्ञान में इन्हें सरोगेट मदर कहा जाता है। एक इस काम के लिए इश्तहार देता है और दूसरा तत्काल तैयार हो जाता है। सुनने में यह बात अविश्वनीय लगे लेकिन राजधानी भोपाल में यह व्यवसाय चल निकला है। टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर की सुख सुविधाएं भी कुवांरियों को मॉं बनने के लिए आकर्षित कर रही हैं। 
सरोगेसी के मामले में राजधानी मेट्रोसिटी की तरह बढ रहा है। आलम यह है कि यहां यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश तक से दंपत्ती सरोगेट मदर की तलाश में आ रहे हैं। 
चौंकाने वाली बात यह है कि इन परिवारों को सामने अविवाहित लड़कियां भी बड़ी संख्या में आ रही हैं, जो पैसों की खातिर बिन व्याहे मॉं बनने को भी तैयार हैं। 
अपना पूरा भविष्य दांव पर लगाने तैयार कुछ ऐसी लड़कियों से जब इस प्रतिनिधि ने सेंटर स्टाफर बनकर बातचीत की तो कई बातें बड़ी बेबाकी से सामने रखीं। उनका सीधा कहना है कि भविष्य की कोई गारंटी नहीं है। आज हमें कुछ महीनों में ही दो लाख रुपए तक मिल रहे हैं, वो भी बगैर कोई गलत कदम उठाए तो फिर इसमें हर्ज क्या है। 
समाज का नहीं है डर 
चारों लड़कियों से जब यह पूछा कि अगर बिन व्याहे मॉं बनने के बात समाज के सामने आ जाती है तो फिर आपके भविष्य का क्या होगा। इसके जवाब में सभी का एक जैसा नजरिया था, कि फैसला हमारा अपना है इसलिए वे भविष्य की हर परेशानी के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। 
हाईक्लास दे रहे सरोगेट मदर्स को मार्केट 
कोख किराए से देने वाली महिलाओं का आंकड़ा बढने के पीछे वजह भोपाल में इनके लिए उपलब्ध मार्केट है। उच्चवर्ग की महिलाएं अपने फिगर को मेंटेन रखने, गर्भपात होने से पैदा होने वाली परेशानियों से बचने सरोगेट मदर की मदद लेना ज्यादा बेहतर समझती हैं। ये महिलाएं झूठी मेडिकली परेशानियांे का बहाना बनाकर इस सरोगेट मदर्स का सहारा लेने की भरसक कोशिश करती हैं। 
सरोगेट मदर बनने के लिए नियम 
गर्भधारण का अनुभव प्रमाणसहित होना जरूरी है। इसके लिए विवाहित होने की बाध्यता नहीं है। अविवाहित लडकियां भी गर्भधारण का अनुभव होने पर सरोगेट मदर बन सकती हैं। विवाहिता के पति की अनुमति जरूरी है। अविवाहिता और तलाकशुदा के लिए के वल उसकी अपनी मर्जी ही काफी है। जबकि तलाक के लंबित मामलों में महिला कोख किराए पर नहीं दे सकती। महिला को ऐसी कोई बीमारी न हो जिसके बच्चे में स्थानांतरित होने की संभावना हो। उम्र 21 से 45 साल के बीच हो। 
सरोगेट मदर से बच्च पाने में खर्च सरोगेट मदर की फीस - डेढ सौ दो लाख रुपए 9 महीने का खाने का खर्च - 5 हजार रुपए प्रतिमाह टेस्ट का खर्च - 31 हजार से 1 लाख रुपए टेस्टट्यूब का खर्चा - 1 लाख 9 महीने में दवाइयों और डिलेवरी का खर्च - 50 हजार रुपए डॉक्टर की फीस - 10 हजार रुपए कुल मिलाकर - साढे 4 लाख से 6 लाख रुपए तक फैक्ट फाइल भोपाल में सरोगेट मदर कांसेप्ट की शुरूआत - २क्क्५ से पहले बॉयलॉजिकल दंपत्ती - संध्या-सत्यनारायण नेमा अब तक कुल सरोगेट मदर - 22 सरोगेट मदर से डिलेवरी के मामले - 13 
क्यों पड़ रही जरूरत
इंदौर की शिल्पा से कुछ सवाल 
क्या मम्मी- पापा से अनुमति ली? शिल्पा- पापाजी की डेथ हो चुकी है। मॉं भी मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। दो भाई हैं जिन्हें मुझसे कोई सरोकार नहीं है। 
तो फिर तुम्हे पढ़ाई के लिए किसने भेजा? 
शिल्पा- पढ़ाई के लिए तो पापा ने भेजा था। हमने एज्यूकेशन लोन लिया था। पापा मेरे नाम कुछ फिक्स डिवाजिट भी किए थे। दो साल पहले पापा की डेथ हो गई, तब से मैं सारे फैसले खुद ही ले रही हूं। अपने भविष्य को लेकर ही मैं फ्लैट लेना चाहती हूं। 
सबके अपने-अपने कारण
इंदौर की शिल्पा राजधानी में बीई की पढ़ाई कर रही है। वो 6 सेमस्टर की स्टूडेंट है। भोपाल में एक शानदार फ्लैट लेने की उसकी ख्वाहिश है। लिहाज उसने सरोगेट मदर बनकर फ्लैट के लिए रुपए जुटाने का फैसला किया है। 
बैतूल की तान्या भोपल में रिसेप्शनिस्ट है। वह चाहती है उसकी खुद की कार हो, लेकिन परिवारिक परिस्थितियां और सेलरी से यह सपना पूरा नहीं हो सकता। तान्या ने कार लेने के लिए अब सरोगेट मदर बनने का रास्ता चुना है। 
मिसरौद की विभा की बचपन में शादी हो गई। गौने से ३ महीने पहले ही पति ने दूसरी शादी कर ली। अब वह आत्मनिर्भर होना चाहती है, लेकिन इसमें गरीबी आडे आ रही है। विभा ने इसके लिए सरोगेट मदर बनने का रास्ता चुना। 
रायसेन की भूमि के माता-पिता की मृत्यु हो गई। अब वह गोविन्दरपुरा के एक ऑफिस में रिशेपस्निस्ट है। उसे प्यार में धोखा मिला अब भूमि ने आत्मनिर्भर होने के लिए सरोगेट मदर बनने का निर्णय लिया है। जहां तक अविवाहित लड़कियों के छिपकर सरोगेट मदर बनने का फैसला है उसे लेकर पूरी गोपनियता बरती जाती है। सरोगेट मदर्स के लिए हमारे सेंटर में हॉस्टल फैस्लिटी भी है। 
डॉ.रणधीर सिंह,संचालक टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर
साभार: भास्कर.कॉम 

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