Tuesday, May 10, 2011

नई दिल्ली: भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा झटका


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के मामले में सीबीआई की याचिका आज खारिज कर दी। सीबीआई ने गैस त्रासदी के आरोपियों पर गैर-इरादतन हत्या की धारा लगाने का आदेश लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
इसके तहत आरोपियों को अधिकतम 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका दायर करने में जांच एजेंसी ने देर कर दी है।

शीर्ष अदालत 1996 में दिए गए अपने ही फैसले पर पुनर्विचार कर रही है। तब कोर्ट ने अभियुक्तों के खिलाफ सख्त धाराओं को हटाते हुए हल्की धाराओं में मुकदमा चलाने का फैसला किया था। इस बार चीफ जस्टिस एसएच कपाडिया की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मामले की रोजाना सुनवाई की और 27 अप्रैल को फैसला बाद में सुनाने की घोषणा की थी। इस बेंच में जस्टिस अल्तमश कबीर, आरवी रवींद्रन, बी. सुदर्शन रेड्डी और आफताब आलम भी शामिल हैं।

गौरतलब है 2-3 दिसंबर 1984 को यूनियन कार्बाइड कारखाने से गैस रिसने से भोपाल में मौत का तांडव मच गया था। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौते हो चुकी हैं। पिछले साल 7 जून को आए फैसले में आरोपियों को दोषी ठहराते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई गई थी, सभी आरोपी हाथोंहाथ जमानत पर रिहा भी हो गए। मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन अभी भी फरार है।

ये हैं दोषी : यूनियन कार्बाइड इंडिया लि. के तत्कालीन चेयरमैन केशुब महिंद्रा के अतिरिक्त तब के छह अन्य पदाधिकारी-विजय गोखले, किशोर कामदार, जेएन मुकुंद, एसपी चौधरी तथा सहायक केवी शेट्टी।

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