Monday, May 23, 2011

भोपाल: मनरेगा में अनियमितता पर दो हजार से अधिक के विरुद्ध कार्यवाई

भोपाल: महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के अंतर्गत प्रशासकीय व्यय में बचत के बाद सरकार का दूसरा बड़ा प्रयास योजना को पारदर्शी बनाने और अनियमितताओं पर सख्ती से अंकुश लगाना है।
इस प्रयास के अंतर्गत दो हजार से अधिक ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों एवं जन-प्रतिनिधियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई जो प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये। इसके पहले राज्य सरकार योजना के प्रशासनिक व्यय में 105 करोड़ रुपये की बचत कर चुकी है। 


पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने इस संबंध में बताया कि मध्यप्रदेश में प्रारंभ से ही योजना को प्रभावी बनाने के लिये जमीनी स्तर पर निगरानी के साथ ही पात्रों को योजना का लाभ देने पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रशासनिक व्यय में एक बड़ी कमी करते हुए 105 करोड़ रुपये बचाये गये, जो पूरे देश में उदाहरण है। श्री भार्गव के अनुसार योजना में किसी तरह की गड़बड़ी करने का प्रयास न हो इस पर विशेष ध्यान देने के परिणाम स्वरूप भारतीय प्रशासनिक सेवा के (कलेक्टर) अधिकारियों सहित मैदानी अधिकारी-कर्मचारी तथा जन-प्रतिनिधियों की भी अनियमितता में जवाबदेही तय कर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की गई है।
षियों पर की गई कार्रवाई का संभागवार विवरण
इंदौर
371
नर्मदापुरम
341
रीवा
282
सागर
238
शहडोल
193
जबलपुर
192
चम्बल
152
ग्वालियर
140
भोपाल
74
उज्जैन
74

श्री भार्गव ने बताया कि प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा कड़े कदम उठाये गये। अनियमितताओं की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यकता अनुसार आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करवाये गये। वित्तीय अनियमितताएँ पाये जाने पर राशि की वसूली भी की गई । उन्होंने कहा कि इन शिकायतों पर हुई कार्रवाई से निश्चित ही राज्य में योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आयेगी।


मनरेगा के क्रियान्वयन में अनियमितता के दोषी पाये गये 2 कलेक्टरों, 6 जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, 109 जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, 7 कार्यपालन यंत्री, 67 सहायक यंत्री, 208 उप यंत्री एवं 22 अन्य अधिकारी, कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई की गई है। साथ ही 728 सरपंचों एवं 908 ग्राम पंचायत सचिव, समन्वयकों और ग्राम सहायकों के विरुद्ध पद से पृथक्करण, निलंबन, वसूली, एफआईआर, वित्तीय अधिकार समाप्ति आदि की कार्रवाई की गई।
उल्लेखनीय है कि योजना के क्रियान्वयन से संबंधित शिकायतों को शासन तक पहुँचाने में ग्राम सभा, जन-सुनवाई एवं नागरिक समाधान केन्द्र ने मुख्य भूमिका निभाई है। वहीं विभिन्न स्तर के अधिकारियों द्वारा भी शिकायतें दर्ज करवाई जाती रही हैं।
शासकीय कर्मियों एवं जन-प्रतिनिधियों के विरूद्ध हुई कार्यवाई
कलेक्टर
2
जिला पंचायत मुख्य कार्यापालन अधिकारी
6
जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी
109
कार्यपालन यंत्री
7
सहायक यंत्री
67
उप यंत्री
208
अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी
22
सरपंच
723
ग्राम पंचायत सचिव
908

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