Sunday, May 1, 2011

भोपाल: परिवार कल्याण वर्ष के अंतर्गत उत्कृष्ट उपलब्धि अधिकारी पुरस्कृत होंगे, मुख्यमंत्री देंगे पुरस्कार

भोपाल: परिवार कल्याण वर्ष 2010-11 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री तीन मई को भोपाल में पुरस्कृत और सम्मानित करेंगे। उल्लेखनीय है कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों के लिये राज्य सरकार ने इस वर्ष पुरस्कार योजना बनाई थी।
इसके तहत प्रदेश के चार संभाग के संभागायुक्त, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य एवं 24 जिलों के जिला कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जायेगा। प्रत्येक अधिकारी को प्रशस्ति-पत्र के अलावा एक लाख रुपये नगद राशि दी जायेगी।

आबादी नियंत्रण के लिये प्रदेश में वर्ष 2010-11 को परिवार कल्याण वर्ष घोषित करते हुए राज्य सरकार ने संभाग से लेकर जिलों तक के लिये लक्ष्य निर्धारित किये थे। प्रभावी क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप इस वर्ष सर्वाधिक साढ़े छह लाख लोगों ने परिवार नियोजन कार्यक्रम अपनाया, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के पाँच संभागों इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, शहडोल तथा नर्मदापुरम संभाग ने 100 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य प्राप्त कर राज्य सरकार द्वारा घोषित पुरस्कार योजना के पात्रों में अपने को शामिल किया है। श्री बसंत प्रताप सिंह आयुक्त इंदौर संभाग, श्री प्रभात पाराशर आयुक्त जबलपुर संभाग, श्री टी. धर्माराव आयुक्त उज्जैन संभाग, श्री प्रदीप खरे आयुक्त शहडोल संभाग और श्री मनोज श्रीवास्तव आयुक्त नर्मदापुरम संभाग को पुरस्कृत किया जायेगा।

परिवार नियोजन कार्यक्रम में प्रदेश के 27 जिलों ने 100 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि हासिल की है। इनमें से तीन जिलों जिन्होंने सबसे पहले लक्ष्य की प्राप्ति की उनमें झाबुआ, डिण्डौरी, बुरहानपुर जिले थे जिन्हें मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है। शेष 24 जिलों के 55 अधिकारी जिनमें जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं को तीन मई को मुख्यमंत्री पुरस्कृत करेंगे। इनमें इंदौर, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मण्डला, कटनी, उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, पन्ना, शिवपुरी, होशंगाबाद शामिल हैं। इन जिलों के कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह, श्री बृजमोहन शर्मा, श्री अशोक देसवाल, श्री संतोष मिश्रा, श्री गुलशन बामरा, श्री विवेक पोरवाल, श्री पवन शर्मा, श्री मनोहर दुबे, श्री नवनीत कोठारी, श्री के.के. खरे, श्री एम. सेलवेन्द्रन, श्रीमती एम. गीता, श्रीमती पुष्पलता सिंह, श्रीमती सोनाली वायंगणकर, श्री राजेन्द्र शर्मा, श्री महेन्द्र ज्ञानी, श्री संजय गोयल, श्री पी. नरहरि, श्री नीरज दुबे, श्री एस.एस. भटनागर, श्री कवीन्द्र कियावत, श्री के.सी. जैन, श्री राजकुमार पाठक एवं श्री निशांत बरबड़े पुरस्कार सूची में शामिल हैं।

परिवार नियोजन कार्यक्रम में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले 24 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद पण्डित, डॉ. संजय शर्मा, डॉ. एस.एस. बघेल, डॉ. एस.एस. वास्कले, डॉ. बी.एस. चौहान, डॉ. जी.पी. चौरसिया, डॉ. जी.सी. चौरसिया, डॉ. वाय.एस. ठाकुर, डॉ. के.के. खोसला, डॉ. आर.के. श्रीवास्तव, डॉ. रंजना गुप्ता, डॉ. के.के. अग्रवाल, डॉ. अमरसिंह विश्नार, डॉ. जनार्दन अतुलकर, डॉ. ए.के. मेहता, डॉ. महेश पाटनी, डॉ. के.के. वास्कले, डॉ. एस.के. सालेम, डॉ. उमेश नामदेव, डॉ. अशोक चौदहा, डॉ. एस.आर. परस्ते, डॉ. एच.एन. शर्मा, डॉ. ए.के. दीक्षित एवं डॉ. आर. नीमा पुरस्कार सूची में शामिल हैं। इसके अलावा पाँच ऐसे जिलों, जिन्होंने 90 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की है, के कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र दिये जायेंगे। इनमें खण्डवा, खरगोन, सागर, दतिया एवं विदिशा जिले शामिल हैं।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2010-11 में स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में सात लाख लोगों को परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया था। हालांकि इस लक्ष्य से 50 हजार की दूरी रही लेकिन पिछले वर्षों के मुकाबले यह पहली बार हुआ कि प्रदेश में साढ़े छह लाख लोगों ने जागरूकता और स्व-प्रेरणा से इस कार्यक्रम को अपनाया। इस सफलता का मुख्य आधार स्वास्थ्य विभाग की प्रभावी रणनीति रही। इस रणनीति में मैदानी अमले को जहाँ एक ओर प्रोत्साहन देने के लिये पुरस्कार योजना लागू की गई, वहीं लापरवाही पर दण्ड का भी प्रावधान किया गया। सतत मॉनीटरिंग और मैदानी दौरों ने परिवार नियोजन कार्यक्रम को जन-आंदोलन बनाने में मदद की।

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