Sunday, April 17, 2011

खरगोन: शिवराज ने तोडा प्रोटोकोल! भड़के अरुण यादव ने छोड़ा मंच

खरगोन. रविवार को कपास मंडी में आयोजित नर्मदा उद्वहन परियोजना के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से पहले बोलने का मौका नहीं देने से नाराज केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री अरुण यादव बीच कार्यक्रम से ही मंच छोड़कर रवाना हो गए। इससे गुस्साए यादव के समर्थकों ने शिवराज हाय-हाय के नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री के वाहन को रोकने का भी प्रयास किया।


नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री को भाषण देने के लिए पहले आमंत्रित किया,जबकि प्रोटोकॉल के तहत यादव को पहले भाषण देना था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंच से प्रदेश सरकार की योजनाओं व उपलब्धियों का बखान किया साथ ही कांग्रेस के कार्यकाल पर भी सवाल उठाए।

यादव ने कलेक्टर केदार शर्मा को बुलाकर पूछा- मुझे यहां क्यों आमंत्रित किया गया व प्रोटोकॉल क्या है? इस पर शर्मा ने सीएम के कार्यक्रम की व्यस्तता का हवाला दिया,तो केंद्रीय मंत्री यादव नाराज हो गए ।

तभी उनके पास बैठे नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अध्यक्ष व राज्यमंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल ने यादव को समझाने की कोशिश की। सभी तर्काें व समझाइश से असंतुष्ट होने के बाद यादव ने कार्यक्रम के बहिष्कार का फैसला किया। वे समर्थकों के साथ आयोजन स्थल से उठकर चल दिए।

कार्यक्रम समाप्ति के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के वाहन को रोकने का प्रयास किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के अपमान का कोई इरादा नहीं रहा। यदि उनकी भावना आहत हुई है,तो मैं उनसे चर्चा करूंगा।

मुख्यमंत्री का भाषण यानी कार्यक्रम खत्म!

शिष्टाचार नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री के पहले केंद्रीय राज्यमंत्री बोल सकते हैं। ऐसे किसी कार्यक्रम में अगर प्रदेश के मुखिया के नाते सीएम का भाषण हो जाता है तब जरूर किसी को नहीं बोलना चाहिए। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कहते हैं केंद्रीय राज्यमंत्री को पहले बोलने का अवसर दिया जाना था। यह संघीय ढांचे की गरिमा के अनुकूल होता।

आयोजन में क्या हुआ जनता ने सब देखा है। कार्यक्रम में मेरा अपमान किया गया है।

अरुण यादव,केंद्रीय राज्यमंत्री

No comments:

Post a Comment